बैतूल जिला मध्य
प्रदेश के दक्षिण
में स्थित है।
यह सतपुड़ा पर्वत
के पठार पर
स्थित है। यह
सतपुड़ा श्रेणी की संपूर्ण
चौड़ाई को घेरे
हुए है। जो
नर्मदा घाटी और
उसके दक्षिण के
मैदान तक फैला
है। यह भोपाल
संभाग को दक्षिणी
छोर से छूता
है। इस जिले
का नाम छोटे
से कस्बे बैतूल
बाजार के नाम
से जाना जाता
है और जिला
मुख्यालय से लगभग
5 किलो मीटर की
दूरी पर है।
मराठा शासन और
अंग्रेजों के शासन
के प्रारंभ में
भी बैतूल बाजार
जिला मुख्यालय था।
इतिहास
मराठाओं ने यह
जिला 1818 में ईस्ट
इंडिया कंपनी को सौंप
दिया। 1826 में विधिवत
रूप से यह
ब्रिटिश अधिकार में चला
गया। 1861 में यह
"सागर" और "नर्मदा" प्रांत
में चला गया।
बैतूल जिला नर्मदा
संभाग के अंतर्गत
आता था। ब्रिटिश
सेना ने मुलताई
में छावनी बनाई
थी। बैतूल और
"शाहपुर" मराठा शासक अप्पा
साहब के शासन
से अलग हो
गई थी। मराठा
जनरल और सेना
जून 1862 में बैतूल
में रही। जिले
के "मुलताई" शहर से
"ताप्ती" का उदगम
हुआ है। इसको
पवित्र माना जाता
है। और उनका
प्रसिद्ध ताप्ती मंदिर भी
यहां है। "बेैतुल"
ही वो पहला
जिला था जिसमे
९ मार्च को
"कवि दिवस" के रूप
मे मनाना पाृरम्भ
किया गया था|
जनसांख्यिकी
भारत की जनगणना
-2011 के अनुसार बैतूल की आबादी 1,575,247 है। पुरुष जनसंख्या
799,721 है, जबकि महीला आबादी
775,526 है
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